सितम अस्त अगर हवसत कशद कि ब-सैर-ए-सर्व-ओ-समन दर आ
सितम अस्त अगर हवसत कशद कि ब-सैर-ए-सर्व-ओ-समन दर आ
तू ज़े-ग़ुन्चः कम न दमीदःई दर-ए-दिल-कुशा ब-चमन दर आ
पए नाफ़हा-ए-रमीदः-बू म-पसंद ज़हमत-ए-जुस्तुजू
ब-ख़याल-ए-हल्क़ः-ए-ज़ुल्फ़-ए-ऊ गिरहे ख़ूर-ओ-ब-ख़ुतन दर आ
हवस-ए-तू नेक-ओ-बद तू शुद नफ़स तू दाम-ओ-दद तू शुद
कि ब-ईं जुनूँ बलद तू शुद कि ब-आ'लम-ए-तू-ओ-मन दर आ
ग़म-ए-इंतिज़ार-ए-तू बुर्द:अम बरह-ई ख़ाल-ए-तू मुर्दः-अम
क़दमे ब-पुर्सिश-ए-मन कुशा नफ़से चू जाँ ब-बदन दर आ
न हवा-ए-औज व न पुस्तीयत न ख़ुरोश-ए-होश व न मस्तीयत
चू सहर चे हासिल-ए-हस्तीयत नफ़से शू-ओ-ब-सुख़न दर आ
ज़े-सरोश-ए-महफ़िल-ए-किब्रिया हमः-वक़्त मी-रसद ईं निदा
कि ब-ख़ल्वत-ए-अदब-ए-वफ़ा ज़े-दर-ए-बेरूँ न शुदन दर आ
बद्राए 'बेदिल' अज़ीं क़फ़स अगर आँ तरफ़ कशदत हवस
तू ब-ग़ुरबत-ए-आँ-हमः ख़ुश न कि ब गोयमत ब वतन दर आ
- पुस्तक : कुल्लियात-ए-अबुलमआ'ली मिर्ज़ा अ'बुद्लक़ादिर बेदिल (भाग-1) (पृष्ठ 84)
- रचनाकार : बेदिल अज़ीमाबादी
- प्रकाशन : पोहनी मत्बा" काबुल (1922)
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.