अगर ब-गोशः-नशीनाँ नुमायद आँ रुख़-ए-ख़ूब
रोचक तथ्य
अनुवाद: अमारा अली
अगर ब-गोशः-नशीनाँ नुमायद आँ रुख़-ए-ख़ूब
ब ग़म्ज़: दिल ब-रुबायद ज़े-सालिक-ए-मज्ज़ूब
अगर वो गोशा-नशीनों को अपने शक्ल देखाए तो मज्ज़ूब सालिक से दिल चुरा ले
बला-ए-मर्दुम-ए-अहल-ए-नज़र बुवद चश्मत
ब-नाज़ अगर बद्र आई ज़े-मक्तब ऐ महबूब
तुम्हारी आँख अहल-ए-नज़र के लिए बला का काम करती है ऐ महबूब अगर तुम नाज़-ए-मकतब से बाहर निकल आओ.
दहान-ए-यार न-यायद रक़ीब रा दर चश्म
कि ख़ुरदः-बीं न-बुवद हेच दीदः मायूब
रक़ीब की आँखों में महबूब का चेहरा नहीं आता ऐब-दार आँखें छोटी चीज़ें नहीं देख सकतीं
फ़िराक़-ए-रूए चू तू यूसुफ़ी कसे दानद
कि रौशनश शवद आब-ए-दो-दीदः-ए-याक़ूब
तुम्हारे चेहरेके फ़िराक़ को युसुफ की तरह कौन लेता है जिससे याक़ूब की दोनों आँखों का पानी सफ़ेद हो जाता है.
चू नामः तू गुशाएम शवद पुर-आबम चश्म
ब-हेच-रू न-तवानम कि ख़्वानम आँ मक्तूब
तुम्हारा ख़त खोलता हूँ तो आँखें आँसू से भर आती हैं फिर किसी तरह भी मैं तुम्हारा ख़त पढ़ नहीं पाता
कशद बराए तू 'ख़ुसरव' जफ़ा-ए-मुद्दइयाँ
कि बह्र-ए-दोस्त ज़े-किरमान जफ़ा कशद अय्यूब
तुम्हारी ख़ातिर ‘ख़ुसरौ’ दावा-दारों की जफ़ाएं सहता है जिस तरह दोस्त की ख़ातिर अय्यूब किरमान की जफ़ा काटा है.
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