गर दिलबर-ए-मन बर मन आयद
रोचक तथ्य
अनुवाद: अमारा अली
गर दिलबर-ए-मन बर मन आयद
दिल दर ब-रौ रूह दर तन आयद
अगर मेरा दिल-बर मेरे पहलू में आ जाए तो दिल पहलू में और रूः जिस्म में आ जाए.
तर्सम कि दर इंतिज़ार-ए-रूयश
रूयम ब-नमाज़-ए-ख़ुफ़्तन आयद
मैं डरता हूँ कि उसके चेहरे के इंतिज़ार में कहीन नमाज़-ए-इशा का वक़्त न हो जाए.
शुद मौसम-ए-आँ-कि दर गुलिस्ताँ
बुलबुल ब-नवा ब-गुफ़्तन आयद
वो मौसम आ गया है कि बुल्बुल नग़्मे अलापने लगे
अब्र आब ज़नद ज़े-दीदाः बर ख़ाक
फर्राश-ए-सबा ब-रफ़्तन आयद
बादल अपनी आँखों से ज़मीन पर छिड़काओ करे, बाद-ए-सबा का फर्राश चलने लगे.
व ज़े-नालः-ए-मुर्ग़ व गिर्यः-ए-अब्र
गुल खन्दद व दर शगुफ़्तन आयद
और परिंदे के गाने और बादलों के होने से फूल हँसने लगें और खिलने पर आ जाएं.
साक़ी कशद इंतिज़ार-ए-बुलबुल
ता बाज़ गुले ब गुलशन आयद
चूँ शम्अ' सितादा-अम ब-यक पा
परवानः अगर ब-कुश्तन आयद
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