ईं क़सीदः हम नतीजः-ए-आँ-ख़ाक-ए-पाक सर्खस़ अस्त
ऐ 'सनाई' जेहद कुन ता पेश-ए-सुलतान-ए-ज़मीर
अज़ गरेबाँ ताज साज़ी वज़ बुन दामन सरीर
ता बदीं ताज-ओ-सरीर अज़ बहर-ए-मह-रूयान-ए-ग़ैब
हर ज़मानी नौ-उरूसी अक़्द-बंदी बर ज़मीर
बा चुनीं ताज-ओ-सरीर अज़ बहर-ए-दारुल-मुल्क सर
बंद-पाए-ओ-सर-शिम्र ताज-ओ-सरीर उर्दशीर्
देव हम कासः बुवद बर सुफ़रः ता वहम-ओ-ख़याल
दर मयान-ए-दीन-ओ-अक़्लत दर सफ़र बाशद सफ़ीर
जाँ ब-दीन-ओ-अक़्ल देह ता पाक मानद बहर आँक
विज़्र वर्ज़द जान चू ऊ रा अक़ल-ओ-दीं न-बुवद वज़ीर
ता तू दर ज़ेर-ए-ग़ुबार आरज़ू दारी क़रार
दर जहान-ए-दिल न-बीनी चश्म-ए-जाँ हरगिज़ क़रीर
आदमी दर जुम्लः ता अज़ नफ़्स पुर बाशद चू गोज़
हर ज़मानी आयद अज़ वे देव रा बू-ए-पनीर
अज़ हिसार बुवद ख़ुद आंगाह बरही कज़ नियाज़
पाएमाल मस्जिद-ओ-मय-खानः गर्दी चूँ हसीर
हस्त ता नफ़्स नफ़ीसत बाइस-ए-तालीम-ए-देव
बुवद हम फ़र्र-ए-फ़र्ज़दक़ दाईयः-ए-जर्र-ए-जरीर
गर ख़तर दारी ज़े-हक़-दाँ वर न-दारी ज़ू तलब
कित ज़वाल आयद चू अज़ ख़ुद सू-ए-ख़ुद बाशी ख़तीर
आफ़ताब-ए-नूरब-ख़्श आंगाह बस्तांदश नूर
चूँ कुंद दा'वा तमामी पेश-ए-ऊ बद्र-ए-मुनीर
हस्त आतिश ख़िश्म-ओ-शहवत बुख़्ल-ओ-कीन-ओ-तमअ'-ओ-आज़
विर्दत ईं बाद अज़ चुनीं आतिश कि अजिर्ना या-मुजीर
मालिक-ए-ख़ुद बाश हम-चूँ मालिक-ए-दोज़ख़ अज़ आँक
ता न-गीरद नवज़्दः आ'वांश दर महशर असीर
वज़ बुरूज-ए-अख़्तराँ ब-गुज़री सू-ए-रिज़वाँ गिराय
ता न आतिश ज़हमत आरद मर तुरा न ज़महरीर
वर्नः ब-गुरेज़ी अज़ ईन-हा बाज़ दारंदत ब-क़हर
ईं दह-ओ-ना दर जहन्नम वाँ दह-ओ-दो दर असीर
चार मेख़ चार तबई शहर बंद पंज हिस
अज़ पय-ए-दो-जहाँ सेह जाणत ज़ाँ ब-मानद अंदर ज़हीर
बेख़-ए-शहवत बर कुन व शाख़-ए-शिरह कि-अन्दर बहिश्त
ईं न-ख़्वाहद मुर्ग़-ओ-मेवः वानद गर हूर-ओ-हरीर
दर मुसाफ़-ए-ख़िश्म-ओ-शहवत चश्म-ए-दिल पोशीदः-दार
कि-अंदरीं मैदाँ ज़े-पैकाँ बे-ज़रर बाशद ज़रीर
नर्म दार आवाज़ बर इंसाँ चु इंसाँ ज़ाँकि हक़
अनकरल-अस्वात ख़्वांद अंदर नबी सौतुल-हमीर
दर नईम-ए-ख़ल्क़-ए-ख़ुद रा ख़ुश सुख़न कुन चूँ तबीब
दर जहीम-ए-ख़िश्म चूँ गबराँ चे बाशी बा ज़फ़ीर
मीरी अज़ हिर्सस्त चूँ मोर-ओ-तहव्वुर हम-चू मार
पस ब-रोज़-ए-हश्र यक रंगनद मोर-ओ-मार-ओ-मीर
ख़ुद हमः आ'लम नक़ीरे नीस्त पेश-ए-नेक-ओ-बद
चीस्त ईं चंदीं नक़्क़ार-ओ-नक़्र के बहर-ए-नक़ीर
इन्क़ियाद आर अर मुसलमानी ब-हुक्म-ए-ऊ अज़ आँक
बर न-गर्दद ज़े-इज़्तिराब बंद: तक़दीर-ए-क़ादीर
बर उमीद-ए-रहम-ऊ बर ज़ख़्म-ए-ऊ ज़ारी म-कुन
कि-अव्वलत ज़ाँ ज़द कि ता आख़िरत ब-नवाज़द चू ज़ेर
कज़ बराए पुख़्ता गश्तन कर्द आदम रा इलाह
दर चहल सुब्ह इलाही तीनत पाकश ख़मीर
ऐ ख़मीरत कर्द: दर चल सुब्ह नाईद इलाह
चूँ तनूरत गर्म शुद आँ ब कि दर बंदी फ़तीर
चूँ तुरा दर दिल ज़े-बहर-ए-दोस्त न-बुवद ख़ार-ख़ार
नीस्त दर ख़ैर-ए-तू चीज़ी जाँ म-कुन बर ख़ेज़ ख़ेज़
फ़ासिक़त ख़्वानम न आशक अर चू मर्दां दर समा'अ'
ज़ौक़-ए-सम'अत बाज़ दानद नग़्मत-ए-बम रा ज़े-ज़ेर
दीन-ए-सलाह अज़ बहर-ए-दफ़ाअ-ए-दुश्मनाँ आतिशीसत
तू चरा पोशी बहर बादी ज़र्रः चूँ आब-गीर
अज़ बराए ज़िक्र बाक़ी बर सहीफः-ए-रोज़गार
चूँ निको ख़त नीस्ती ज़िन्हार ता न-बू-ए-दबीर
चूनत उमरू-ओ-जै़द बाशद कारसाज़-ए-नेक-ओ-बद
दर नबी पस कीस्त ने'मल-मौला व ने'मन-नसीर
मीर मीरत बर ज़बाँ बीनंद व पस दर वक़्त-ए-विर्द
या म-ख़्वाँ फ़वज़्ज़तो-अमरी या ब-गो कस रा अमीर
बामदाद इय्याक-ना'बुदो गुफ़्त:-इ दर फ़र्ज़-ए-हक़
चाश्तगह ख़ुद रा मकुन दर ख़िदमत-ए-दूनी हक़ीर
तंग मैदाँ बाश दर सहराए सुरत हम-चू क़ुतुब
ता ब-तदबीर-ए-तू बाशद गश्त चर्ख़-ए-मुस्तदीर
गोई ऐ इस्म-ए-तू बारे गोई ऐ फे'ल-ए-तू बार
गोई ऐ मोहरत महन्ना गोई ऐ लुत्फ़-ए-हज़ीर
जान-ए-मा रा अक़्ल-बख़श व अक़्ल-ए-मा रा रहनमाए
कज़ बरूँ तन ग़फ़ूरे वज़ दरूँ जान-ए-ख़बीर
मरक़द-ए-तौफ़ीक़-ए-तू जाँ रा रसानद बू-उलू
मौक़िफ़-ए-ख़ज़्लान-ए-तू तन रा गुदाज़द दर सई'र
तेग़-हा अज़ सुकर कहरत कुनद न-बुवद अज़ सलील
किल्क-हा दर शुक्र लुत्फ़त गुंग न-बुवद अज़ सरीर
हम रज़ा-जूयाँ हम: मरदानत ख़ुश ख़ुश दर ख़ुशू'
हम सना-गोयाँ हम: मुर्ग़ानत सफ़ सफ़ दर सफ़ीर
अज़ बराए हदियः-ए-मा'नी-ओ-कदियः-ए-ज़िंदगी
बंदः-ए-दरगाह-ए-तू जान-ए-जवान-ओ-अक़ल-ए-पीर
हम दरख़्त अज़ तू चू पैकान-ओ-सिनाँ वक़्त-ए-बहार
हम ग़दीर अज़ तू चू शमशीर-ओ-सिपर दर माह-ए-तीर
तीर-ए-चर्ख़ अर दर कमाँ बाशद मिसाल-ए-हकमतत
दर ज़माँ हम-चूँ कमाँ-कोज़ी पज़ीरद जुर्म-ए-तीर
पेश-ए-तू यक-तन न-कर्द अज़ बहर-ए-ख़िदमत क़द्द-ए-कमाँ
ता न-दादी हम तू शाँ अज़ क़ुव्वत-ओ-तौफ़ीक़-ए-तीर
जान हर जानी कि जुफ़्त तीर-ए-हिकमत ब-शिनवद
बा समेअ'ना-ओ-अता'ना पा-ए-कोबद पेश-ए-तीर
तुफ़्फ़-ए-आह आशिकानत अर हेच ज़ी बहर आमदी
ता बा-माही जुम्लः-बरीयाँ गर्ददी बहर-ए-क़ईर
अज़ बराए परवरिश दर गाहवारः-ए-अदल-ओ-फ़ज़्ल
आम रा बुस्तान-ए-सब्ज़ी ख़ास रा पिस्तान-ए-शेर
हर कि अज़ ख़ुद रस्त व उर्यां गश्त आँ कस रा ब-फ़ज़्ल
हल्ल-हा पोशी तराज़श ज़ालिकल-फ़ौज़ुल-कबीर
ओ आँ-कि ऊ पैवस्त: ज़ेर-ए-पोस्त मानद चूँ प्याज़
मी-देहीश अज़ ख़्वाँचः-ए-इब्लीस दर लोज़ीनः सीर
अज़ दर-ए-कूफ़ः-ए-विसालत ता दर-ए-का'बः-ए-रजा
नीस्त अंदर बादियः-ए-हिज्राँ बेह अज़ ख़ोफ़त ख़फ़ीर
अज़ हम: आ'लम गुरेज़ अस्त अर हम: जान-ओ-दिल अस्त
आँ तोइ कज़ कुल्ल-ए-आलम ना-गुज़ीरे ना-गुज़ीर
कि न-गर्दद गंज-हा-ए-फ़ज़्ल अज़ बद-हा-ए-मा
तू निको कारे कुन व बद-हा-ए-मा रा बद म-गीर
सिदक़-ए-मा रा सुब्ह-ए-काज़िब सोख़्त मा रा सिदक़ बख़्श
पा-ए-मा दर तीन-ए-लाज़िब मानद मा रा दस्त-गीर
हेच ताअ'त नामद अज़ मा हम-चुनीं बे-इल्लते
राएगाँ माँ आफ़रीदी राएगाँ माँ दर पज़ीर
- पुस्तक : दीवान-ए-सनाई ग़ज़नवी (पृष्ठ 286)
- रचनाकार : हकीम सनाई
- प्रकाशन : इंतिशारात-ए-सनाई, ईरान (1983)
- संस्करण : 7th
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