मा ब-कू-ए-तू सगानेम व ब-राह-ए-तू ख़सेम
रोचक तथ्य
अनुवाद: अमारा अली
मा ब-कू-ए-तू सगानेम व ब-राह-ए-तू ख़सेम
ईं कि पेश-ए-तू पस अस्त अज़ हम: रू नीज़ पसेम
हम तुम्हारे रस्ते के कुत्ते हैं और तुम्हारी राह का एक तिंका हैं, यह जो तुम्हारा पेश-ओ-पस है हम उस सबसे पीछे हैं.
बह्र-ए-यक सज्द: ब-राह-ए-तू सरासर इश्क़ेम
बह्र-ए-यक बोस: ब-पा-ए-तू लबालब हवसेम
तुम्हारे रस्ते में एक सज्दे के लिए हम सरासर इ’श्क़ हैं. तुम्हारे पाँव पर एक बोसे के लिए हम पूरे के पूरे बोसे बने हुए हैं.
दीगराँ रा चे कुनी गिर्द-ए-रुख़-ए-ख़्वेश सिपंद
कज़ पय सोख़्तनी हम मन-ओ-दिल हर-दो बसेम
दुसरों को अपने चेहरे के गिर्द खुद-सपंद बनाते हो, जलने के लिए मैं और मेरा दिल काफ़ी है.
गर नवाज़ंद रक़ीबान-ए-तू मा रा ख़ाकेम
वर ब-सोज़ंद ब-सोज़ेम कि ख़ाशाक-ओ-ख़सेम
अगर तुम्हारे रक़ीब हमें नवाज़े तो हम ख़ाक हैं, और अगर जलाएं तो हम जल जाएं क्योंकि हम ख़स-ओ-ख़ाशाक हैं.
मा कि बाशेम कि मा रा सग-ए-ख़ुद नाम नेही
ईं सुख़न बा दिगरे गोई कि मा हेच कसेम
हम कौन होते हैं कि तुम हमें अपना कुत्ता कहो, यह लफ़्ज़ किसी और से कहो क्युँ कि हम कुछ भी नहीं.
दरमियाँ हेच न व ख़ुश्क-ज़बानी ब-दहाँ
आलमे कर्द: पुर-आवाज़-ए-तू गोई जरसेम
दरमियान में कुछ भी नहीं है और मुँह में ख़ुश्क ज़बान दुनिया में ख़ुद को तुम्हारी आवाज़ से भर लिया है जैसे हम जरस हों.
उज़्र-ए-तक़्सीर न-ख़्वाहेम कि अज़ ख़िदमत रफ़्त
गर ख़ुदा ख़्वास्तः बाशद कि ब-ख़िदमत ब-रसेम
हम अपने जुर्म की मा’फ़ी नहीं चाहते क्योंकि यह ख़िदमत से हो गया. कभी अगर ख़ुदा करे कि वह हमें ख़िदमत के लिए बुलाएं.
ब यके जुरआ-ए-मय बाज़ ख़र अज़ ख़ुद मा रा
कि ब-बाज़ार-ए-फ़ना दर गिर्व-ए-यक-नफ़सेम
शराब के एक घोंत के एक बदले हमें हमसे ख़रीद लो कि बाज़ार-ए-फ़ना में हम एक साँस बदले में गिर्वी रखे हुए हैं.
तू हुमाये ब-करम सायः-फ़िगन बर 'ख़ुसरव'
कि ज़े-ना-चीज़े चूँ सायः-ए-पर्र-ए-मगसेम
तुम हुमा हो अपने करम का साया ‘ख़ुसरौ’ पर डालो क्योंकि हम इंकिसार में मक्खी के पर के साए की तरह हैं.
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