Dohe of Mustafa Khan Yakrang
रंग वही यकरंग रंगो, कि सबसे रंगा न जाय।
'यकरंग' तुम वह रंग रंगो, कि हर रंग में मिल जाय।।
संपत तो हम के कटें, विपत कटें ना रोय।
'यकरंग' आसा राखिये, हरि चाहे सो होय।।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere