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Sheikh Abdul Razzaq Jhinjhana

- 1542 | Shamli, India

Sufi Quotes of Sheikh Abdul Razzaq Jhinjhana

सबसे क़रीब रास्ता ज़िक्र है लेकिन उससे भी ज़्यादा क़रीब है - पीर की सूरत में ध्यान लगाना।

अगर कोई शख़्स अकेले एक कोने में बैठकर सिर्फ़ पीर की सूरत में मगन रहे तो वह ख़ुदा तक पहुँच सकता है, अगर उस ने कोई दूसरी रियाज़त भी की हो। शुरूआती साधक के लिए ज़रूरी है कि वह पीर की सूरत पर ध्यान लगाए, क्योंकि ख़ुदा का दर्शन तब तक मुमकिन नहीं, जब तक वो इंसान-ए-कामिल की सूरत में हो।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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