Shivnarayan
Pad 9
Saakhi 7
चालिस भरि करि चालि धरि, तत्तु तौलु करु सेर।
ह्वै रहु पूरन एक मन, छाडु करम सब फेर।।
- Add to favorites
-
Share this
जब मन बहकै उड़ि चलै, तब आनै ब्रह्म ग्यान।
ग्यान खड़ग के देखते, डरपे मनके प्रान।।
- Add to favorites
-
Share this
जहं लगि आये जगत महं, नाम चीन्ह नहिं कोय।
नाम चिन्हे तौ पार ह्वै, संत कहावत सोय।।
- Add to favorites
-
Share this
दुनिया को मद कर्म है, संतन को मद प्रेम।
प्रेम पाय तौ पार है, छुटै कर्म अरु नेम।।
- Add to favorites
-
Share this
संतमंत सबत परे, जोग भोग सब जीति।
अदग अनंद अभै अधर, पूरन पदारथ प्रीति।।
- Add to favorites
-
Share this