Sufinama

रूबाईयात

रबाईआत रुबाई की जमा है, ये अरबी का लफ़्ज़ है जिसके मअनी चार के हैं। शायराना मज़मून में रुबाई इस सिन्फ़ का नाम है जिसमें चार मिसरों में एक मुकम्मल मज़मून अदा किया जाता है। रुबाई के 24 ओज़ान हैं, पहले दूसरे और चौथे मिसरे में क़ाफ़िया लाना ज़रूरी है।

1187 -1260

बाबा फ़रीदुद्दीन गंज शकर के मुम्ताज़ ख़लीफ़ा

1843 -1909

बिहार के महान सूफ़ी कवि

1869 -1919

अ’ज़ीमाबाद की नामवर हस्ती और हज़रत शाह अकबर दानापुरी के नूर-ए-नज़र

1881 -1945

हज़रत शाह अकबर दानापुरी के साहिब-ज़ादे और ख़ानक़ाह-ए-सज्जादिया अबुल-उ’लाइया, दानापुर के बा-कमाल सज्जादा-नशीन

संजर के रहने वाले एक चिश्ती शाइ’र थे

1899 -1978

उर्दू, फ़ारसी और पंजाबी ज़बान के शाइ’र

1590 -1661

मशहूर रुबाई-गो शाइ’र और शहीद-ए-इ’श्क़ जिन्हें अ’ह्द-ए-औरंगज़ेब में शहीद कर दिया गया था

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए