Sufinama

सलाम

यह एक विधा है जिसमे पीर,पैग़म्बर और बुजुर्गों पर सलाम भेजा जाता है। यह एक दुआ होती है। सलाम का अर्थ सलामती है।सलाम एक दुआ है कि सब सूफ़ी सुख और अमन बाटें।

1876 -1936

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

1916 -1987

बेदम वारसी के साहिब-ज़ादे

1900 -1974

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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