आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "इम्तिहान-ए-अहल-ए-दर्द"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "इम्तिहान-ए-अहल-ए-दर्द"
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
सूफ़ी कहानी
एक बादशाह का दो नव ख़रीद ग़ुलामों का इम्तिहान लेना- दफ़्तर-ए-दोम
एक बादशाह ने दो ग़ुलाम सस्ते ख़रीदे। एक से बातचीत कर के उस को अ’क़्लमंद और
रूमी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "इम्तिहान-ए-अहल-ए-दर्द"
ना'त-ओ-मनक़बत
क़िब्ला-ए-अहल-ए-सफ़ा मालिक-ओ-मुख़्तार अ'लीऐ ज़हे सल्ले-अ'ला नाएब-ए-सरकार अ'ली
यादगार शाह वारसी
ना'त-ओ-मनक़बत
मत्मह-ए-अहल-ए-विला है सूरत-ए-तेग़-ए-अ’लीक़ाबिल-ए-मदह-ओ-सना है सीरत-ए-तेग़-ए-अ’ली
वासिफ़ रज़ा वासिफ़
ग़ज़ल
हम अहल-ए-इशक़ आसाँ इशक़ की मंज़िल समझते हैंना जब मुश्किल समझते थे ना अब मुश्किल समझते हैं
क़मर जलालवी
ना'त-ओ-मनक़बत
नाज़िश-ए-अहल-ए-सुनन मख़दूम-ए-दौराँ आप हैंहामिल-ए-इ’ज़्ज़-ओ-शर्फ़ महबूब-ओ-ज़ीशाँ आप हैं