आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चश्म-ए-बद्दूर"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "चश्म-ए-बद्दूर"
ग़ज़ल
चश्म-ए-बद्दूर नज़र मेरी तो है उस पे लगीतार मुक़य्यश से क्यूँ तू ने ख़ुदाया ता'वीज़
शाह तुराब अली क़लंदर
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
फ़ारसी कलाम
तर्क-ए-चश्म-ए-मख़्मूरश मस्त-ए-ना-तवानीहास्तफ़ित्न: बा निगाह-ए-ऊ गर्म-ए-हम अ'नानीहास्त
साएब तब्रेज़ी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "चश्म-ए-बद्दूर"
ना'त-ओ-मनक़बत
चश्म-ए-करम ख़ुदा-रा मख़दूम शाह-ए-मीनागिर्दाब-ए-मासियत में कुश्ती फँसी हुई है
शैख़ अबु सईद सफ़वी
ना'त-ओ-मनक़बत
या सय्यदी या मुस्तफ़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करमऐ बादशाह-ए-अंबिया बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
ना'त-ओ-मनक़बत
मुझ पे भी चश्म-ए-करम ऐ मिरे आक़ा करनाहक़ तो मेरा भी है रहमत का तक़ाज़ा करना
पीर नसीरुद्दीन नसीर
फ़ारसी कलाम
जोश ज़द मस्ती व चश्म-ए-दिलबराँ मय-ख़ान: शुदमुश्त-ए-ख़ाक-ए-मय परस्ताँ चर्ख़ ज़द-ओ-पैमान: शुद
मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जानाँ
ग़ज़ल
चश्म-ए-दिल रौशन हुई रुख़्सार-ए-ताबाँ देख करक्या कहूँ क्या मैं ने पाया तुझ को ऐ जाँ देख कर
आसी गयावी
शे'र
नहीं लख़्त-ए-जिगर ये चश्म में फिरते कि मर्दुम नेचराग़ अब करके रौशन छोड़े हैं दो-चार पानी में