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फ़ारसी कलाम
दिल-ओ-जिगर नज़र-ओ-दीद: जान-ओ-तन हम: ऊस्तहर आंचे हस्त दरीं ख़िरक़:-ए-कोहन हम: ऊस्त
ग़ुलाम इमाम शहीद
ना'त-ओ-मनक़बत
जान-ए-जान-ए-मुस्तफ़ा-ओ-मुर्तज़ा आने को हैसय्यदा की गोद में इक मह-लक़ा आने को है
सय्यद फ़ैज़ान वारसी
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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
इ'श्क़-बाज़ी-ओ-जवानी-ओ-शराब-ए-ला'ल-फ़ाममजलिस-ए-उंस-ओ-हरीफ़-ए-हमदम-ओ-शुर्ब-ए-मुदाम
हाफ़िज़
ना'त-ओ-मनक़बत
वासिफ़ रज़ा वासिफ़
कलाम
पीर नसीरुद्दीन नसीर
फ़ारसी कलाम
तू जान-ए-पाके सर-ब-सर नै आब-ओ-ख़ाक ऐ नाज़नींवल्लाह ज़े जाँ हम पाक-तर रूही फ़िदाक ऐ नाज़नीं
जामी
ना'त-ओ-मनक़बत
तू शाह-ए-ख़ूबाँ तू जान-ए-जानाँ है चेहरा उम्मुल-किताब तेरान बन सकी है न बन सकेगा मिसाल तेरी जवाब तेरा
साइम चिश्ती
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
रहमे कुन-ओ-मशो ज़े मन ऐ जान-ए-मन जुदातर्सम कि अज़ फ़िराक़ शुद जाँ ज़े तन जुदा
शाह अकबर दानापूरी
ना'त-ओ-मनक़बत
इक क़रार-ए-जाँ सब जान-ए-क़रार-ए-फ़ातिमालुट गया है दश्त में बाग़-ए-बहार-ए-फ़ातिमा
इज़हार जबलपुरी
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
फ़ारसी कलाम
ग़ुलाम-ए-इश्क़म व लुत्फ़-ओ-करम बहा-ए-मन अस्तकसे कि बन्द: ब-ख़्वानद मरा ख़ुदा-ए-मन अस्त