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ग़ज़ल
मुझे क्यूँ जिद्द-ओ-जहद हो ख़ातिर-ए-ख़ुद-रफ़्तः से अपनीकि है आपी मिरे दिल का मिरा जब दिल-रुबा हाफ़िज़
मरदान सफ़ी
बैत
बरी ज़ातश अज़ तोहमत-ए-ज़िद्द-ओ-जिन्स
बरी ज़ातश अज़ तोहमत-ए-ज़िद्द-ओ-जिन्सग़नी मुल्कश अज़ ताअ’त-ए-जिन्न-ओ-इन्स
सादी शीराज़ी
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सूफ़ी लेख
वेदान्त - मैकश अकबराबादी
हम कौन हैं,काएनात क्या है,तख़्लीक़ का मक़्सद क्या है,इस ज़िंदगी के सफ़र की इंतिहा क्या है,नजात
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
तल्क़ीन-ए-मुरीदीन-हज़रत शैख़ शहाबुद्दीन सुहरवर्दी
जब मुरीद-ए-सादिक़ शैख़ की ख़िदमत में रहे तो उसका अदब ये है कि वो अपने इरादे
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत ख़्वाजा गेसू दराज़ चिश्ती अक़दार-ए-हयात के तर्जुमान-डॉक्टर सय्यद नक़ी हुसैन जा’फ़री
अजमेर से दिल्ली और दिल्ली से अजोधन और अजोधन से फिर दिल्ली के मुसल्लस ने तहज़ीब-ए-नफ़्स
मुनादी
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो - तहज़ीबी हम-आहंगी की अ’लामत - डॉक्टर अनवारुल हसन
कृष्ण जी कहते हैं कि जो लोग तुम्हें तकलीफ़ पहुंचाते हैं और तुमसे नफ़रत करते हैं
सूफ़ीनामा आर्काइव
ग़ज़ल
जिगर मुरादाबादी
फ़ारसी कलाम
दिल-ओ-जिगर नज़र-ओ-दीद: जान-ओ-तन हम: ऊस्तहर आंचे हस्त दरीं ख़िरक़:-ए-कोहन हम: ऊस्त
ग़ुलाम इमाम शहीद
ना'त-ओ-मनक़बत
ख़ुश-ख़िसाल-ओ-ख़ुश-ख़याल-ओ-ख़ुश-ख़बर ख़ैरुल-बशरख़ुश-नज़्झ़ाद-ओ-ख़ुश-निहाद-ओ-ख़ुश-नज़र ख़ैरुल-बशर
शे'र
बाग़-ओ-बहिश्त-ओ-हूर-ओ-जन्नत अबरारों को कीजिए इनायतहमें नहीं कुछ उस की ज़रूरत आप के हम दीवाने हैं
निसार अकबराबादी
ना'त-ओ-मनक़बत
फ़ातिह-ए-ख़ंदक़ हुनैन-ओ-बद्र-ओ-ख़ैबर हैं 'अलीइफ़्तिख़ार-ए-मस्जिद-ओ-मेहराब-ओ-मिंबर हैं 'अली