आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दर-ए-दैर-ओ-हरम"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "दर-ए-दैर-ओ-हरम"
कलाम
माहिरुल क़ादरी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "दर-ए-दैर-ओ-हरम"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "दर-ए-दैर-ओ-हरम"
ग़ज़ल
हरम और दैर की जब से परस्तिश छोड़ दी हम नेहर इक ज़र्रे में देखी सिर्फ़ तेरी रौशनी हम ने
अज़ीज़ वारसी देहलवी
कलाम
फ़ना बुलंदशहरी
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
ना'त-ओ-मनक़बत
अयाज़ वारसी
शे'र
माहिरुल क़ादरी
ना'त-ओ-मनक़बत
पयाम सैहालवी
ग़ज़ल
क्या ख़ुद-परस्त-ओ-दैर-परस्त-ओ-ख़ुदा-परस्तजब ख़ूब देखिये तो ये सब हैं हवा-परस्त
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
ना'त-ओ-मनक़बत
मेरा का’बा-ए-तमन्ना दर-ए-पाक-ए-मुस्तफ़ाईमेरी ज़िंदगी का हासिल उसी दर की जब्हा-साई