आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बुर्क़ा"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "बुर्क़ा"
ग़ज़ल
न बुर्क़ा रुख़ पे होगा और न पर्द: दरमियाँ होगाक़यामत में ये ऐ पर्द:-नशीं पर्द: कहाँ होगा
अर्श गयावी
ना'त-ओ-मनक़बत
शाह क़सीमुद्दिन फ़िरदौसी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दुख़तर-ए-तरसा चु बुर्क़ा बर गिरफ़्तबंद बन्द-ए-शैख़ आतिश दर गिरफ़्त
फ़रीदुद्दीन अत्तार
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "बुर्क़ा"
कुंडलिया
साहिब साहिब क्या करै साहिब तेरे पास
बुर्क़ा डारै टारि ख़ुदा बाखुद दिखरावैरूह करै मेराज कुफ़्र का खोलि कुलाबा
पलटू साहेब
फ़ारसी कलाम
बुर्क़ा' ज़ 'आरिज़ बर फ़िगन यक सुब्ह-दम ता अज़ हयागर्दद फ़रामोश अज़ सहर ख़ुर्शीद-ए-ताबाँ दर बग़ल
जान मुहम्मद क़ुदसी
कलाम
उठा कर बुर्क़ा मुखड़े से ज़रा सूरत तो दिखला देहिजाब इतना न कर मुझ से तिरी तस्वीर के क़ुर्बां
शाह तुराब अली क़लंदर
ग़ज़ल
मैं डर जाता हूँ गोया वस्ल की शब दिन निकल आयाजो बुर्क़ा से सँवर कर वो मह-ए-कामिल निकलता है
अकबर वारसी मेरठी
फ़ारसी कलाम
रुख़ ब-नुमा कि ऐ परी सुब्ह-ए-उम्मीद-ए-मन तुईबुर्क़ा' कुशा कि ऐ सनम जल्वः-ए-’ईद-ए-मन तुई