परिणाम "मदहोश"
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ब-'इश्क़त कुन दिलम या ग़ौस मदहोशज़बानम कुन ब-मदह-ए-ख़्वेश पुर-जोश
मैं ही मदहोश तहय्युर हूँ मुझे होश नहींकौन कहता है वो रू-पोश है रू-पोश नहीं
मर्दअज़ शादी-ए-आँ मदहोश शुदना'र:-ए-ज़द कासमाँ पुर जोश शुद
मर्दअज़ शादी-ए-आँ मदहोश शुद ।ना’र:-ए-ज़द कासमाँ पुर जोश शुद ।।
रहोगे ता-बके मदहोश एहसासात-ए-ख़्वाबीदावो जल्वा-बार होता है उठो जज़्बात ख़्वाबीदा
मदहोशمدہوش
intoxicated
इक होश है मदहोशइक ख़ंदा है सय्याल
इक होश है मदहोशइक ख़ंदः है सय्याल
हर ज़माँ अज़ ग़ैब जाने दीगरस्त’पढ़ा जा रहा था। ‘ख़ंजर-ए-तस्लीम के कुश्तगान के लिए हर ज़माने में एक नई ज़िंदगी ग़ैब से होती है’ हज़रत पर हालत तारी हुई। वहाँ से घर आए तो मुतग़य्यर और मदहोश थे। क़व्वालों को यही शे’र पढ़ने का हुक्म हुआ। क़व्वाल गाते रहे और हज़रत मदहोश रहे। सिर्फ़ नमाज़ के वक़्त होशयार हो कर नमाज़ अदा फ़रमा लेते और फिर हाल तारी हो जाता। पाँचवें रात को विसाल फ़रमाया।
गह बे-होशम कुनद गहे मदहोशनशा-हा-ए-मुदाम रा नाज़म
बस यही है इक तमन्ना ऐ 'सईद'मैं रहूँ मदहोश अरमान-ए-हुसैन
जो मदहोश करता है दिल की गली मेंवो तेरे नज़र का असर देखता हूँ
साक़ी चे कुनम कि दिल कबाबम ज़ ग़मतमदहोश तर अज़ मस्त शराबम ज़ ग़मत
शुदः ज़ू अक़्ल-ए-कुल हैरान-ओ-मदहोशफ़तादः नफ्से-ए-कुल रा हल्क़ः-दर-गोश
ऐसा मदहोश किया तेरी तजल्ली ने मुझेतूर भी मेरे लिए वज्ह-ए-तमाशा न रहा
शराब-ए-इश्क़ का मय-कश रहा सदा मदहोशतेरी निगाह की मस्ती चढ़ी ख़ुमार के बा'द
महफ़िल नवा-ए-ना'त से मदहोश है 'शकील'है लब पे नग़्मा-ए-लब हस्सान-ए-मुस्तफ़ा
शराब-ए-'इश्क़ का मय-कश रहा सदा मदहोशतेरी निगाह की मस्ती चढ़ी ख़ुमार के बा'द
छलका के जाम-ए-मय जो दिया आज साक़ियामदहोश हो गए तिरे मय-ख़्वार और भी
ज़ेहन मदहोश सा हो जाए कुछ ऐसी है महकआज क्या सीधी मदीना से हवा आई है
पी के नज़रों से तेरी जाम उठाया न गयाऐसे मदहोश हुए होश में आया न गया
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