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सतसई
।। बिहारी सतसई ।।
कौड़ा आंसू-बंद कसि सांकर बरुनी सजल।कीने बदन निमूंद दृग-मलिंग डारे रहत।।230।।
बिहारी
पद
श्री बृन्दावन मो अजयत ब्रिजराज बिराजत है
तापर सजल जलद सभकाया, मोर मुगट सिरपेच बनाया,संग राधिका सह ब्रिजजाया, परब्रह्म हर तिनको पाया,