आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सू-ए-क़फ़स"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "सू-ए-क़फ़स"
अन्य परिणाम "सू-ए-क़फ़स"
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दोश मन पैग़ाम कर्दम सू-ए-तू इस्तार: रागुफ़्तमश ख़िदमत रसाँ अज़ मन तू आँ मह-पारः रा
रूमी
फ़ारसी कलाम
ऐ तालिब-ए-फ़िरदौस ब-रौ सू-ए-मोहम्मदचूँ ख़ुल्द-ए-बरीं आमदः दर कू-ए-मोहम्मद
अमीर हसन अला सिज्ज़ी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ख़्वेश रा चूँ ख़ार दीदम सू-ए-गुल ब-गुरेख़्तमख़्वेश रा चूँ तल्ख़ दीदम दर शकर आवेख़्तम
रूमी
ना'त-ओ-मनक़बत
कभी सू-ए-ग़रीबाँ भी नज़र हो या रसूल-अल्लाहमदीने पाक का हुक्म-ए-सफ़र हो या रसूल-अल्लाह
अ'ब्दुल सत्तार नियाज़ी
नज़्म
अक्सर औक़ात सू-ए-ज़न से हुई
अक्सर औक़ात सू-ए-ज़न से हुईदानिश-ए-ज़िंदा बद-तर अज़ मुर्द:
मयकश अकबराबादी
फ़ारसी कलाम
हाशा लिल्लाह कज़ रुख़त चश्म अफ़्गनम सू-ए-दिगरख़ुश नमी-आयद ब-जुज़ रू-ए-तूअम रू-ए-दिगर
नूरुद्दीन हिलाली
फ़ारसी कलाम
ख़ुदा रा ऐ सबा ब-गुज़र ब-सू-ए-ख़ाकसार-ए-मनब-बर दर कू-ए-आँ जानान: ईं मुश्त-ए-ग़ुबार-ए-मन