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दकनी सूफ़ी काव्य
मसनवी हुस्न व दिल
जल्द उसकूँ ले गये हिम्मत कने
तब कहा हिम्मत ने उसकूँ ऐ हैवान
शैख़ ज़ुहूरुद्दिन हातिम
सूफ़ी लेख
सूफ़ी क़व्वाली में महिलाओं का योगदान
असर ता ’लीम का हैवान के दिल में भी होता है
ये शामत है बशर की जो न सीखे कुछ सिखाने पर
सुमन मिश्र
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ना'त-ओ-मनक़बत
दो शम' नूर अगर रुख़्सार महबूब इलाही हैं
तो लब हैं आप के दो चश्मा-ए-हैवान-ए-महबूबी
हसरत अजमेरी
ना'त-ओ-मनक़बत
जौहर नूरी
सूफ़ी लेख
मयकश अकबराबादी जीवन और शाइरी
वो मशाइख़-ए-आगरा में से हैं। न किसी को मुरीद बनाते हैं न किसी की नज़्र क़ुबूल
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी मौसीक़ी और अमीर ख़ुसरौ
मौसीक़ी फ़ितरत की ईजाद है लिहाज़ा फ़ितरत से ही अख़ज़ करके उसको तरतीब दिया गया है
उमैर हुसामी
क़िस्सा
क़िस्सा चहार दर्वेश
क़िस्सा मुख़्तसर वह बूँद-की-बूँद ऐसी शराब थी, जिसके पीने से आदमी हैवान हो जावे। उसने दो
अमीर ख़ुसरौ
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी तहज़ीब की तश्कील में अमीर ख़ुसरो का हिस्सा - मुनाज़िर आ’शिक़ हरगानवी
तोते के बारे में कहते हैं कि इस मुल्क के तोते आदमी की तरह बोलते हैं।
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो - तहज़ीबी हम-आहंगी की अ’लामत - डॉक्टर अनवारुल हसन
अमीर ख़ुसरो ने आज से सात सौ साल क़ब्ल क़ौमी यक-जहती और तहज़ीबी हम-आहंगी की ज़रूरत