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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ दिल म-बाश ख़ाली यक-दम ज़े-इश्क़-ओ-मस्तीवाँगह ब-रौ कि रस्ती अज़ नेस्ती-ओ-हस्ती
हाफ़िज़
ना'त-ओ-मनक़बत
इम्तिहाँ देता है रन में जाँ-निसार-ए-फ़ातिमादेखता है अर्श से वो किर्दगार फ़ातिमा
महमूद अहमद रब्बानी
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विषय
दिल
दिल
विषय
आ’शिक़
आशिक़
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शे'र
आ’शिक़ हो ते इ’श्क़ कमा दिल रक्खीं वांग पहाड़ाँ हूसै सै बदियाँ लक्ख उलाहमें, जाणीं बाग़-बहाराँ हू