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शबद
ऐसा देश हमारा है जहाँ कोई मरता नहीं
ऐसा देश हमारा है जहाँ कोई मरता नहींवहाँ रंग तमाशे हैं शौक़ कोई करता नहीं
ईष्वरदास
शबद
वो देश दिवाना जी पहुँचै कोई सन्त जना
वो देश दिवाना जी पहुँचै कोई सन्त जनावहाँ अनहद बाजै जी चल रही सुखमना
ईष्वरदास
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पद
स्वानुभूति महत्व - बिनु देश उपजै नहीं आसा जो दीसै सो होइ बिनासा
बिनु देश उपजै नहीं आसा जो दीसै सो होइ बिनासाबरन सहित जो जापै नामु सो जोगी केवल निहकामु
रैदास
शबद
सखी री तुम चलो दिवाने देश लाल वर पूरा बरियो री
सखी री तुम चलो दिवाने देश लाल वर पूरा बरियो रीसखी री तुम कुटुम्ब परिवार समझ के मोह मत करियो री
धोतरम दास
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ज़ाहिद-ए-ख़ल्वत-नशीं दोश ब-मय-ख़ान: शुदअज़ सर-ए-पैमाँ गुज़श्त बर-सर-ए-पैमानः शुद
हाफ़िज़
फ़ारसी कलाम
दोश चश्म-ए-जानम अज़ दीदार-ए-शह पुर-नूर बूदमुतरिब-ए-मा ज़ोहरः-ओ-साक़ी-ए-मजलिस हूर बूद
हुसैन बिन मंसूर हल्लाज
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दोश अज़ मस्जिद सू-ए-मय-ख़ानः आमद पीर-ए-माचीस्त यारान-ए-तरीक़त बा'द-अज़ीं तदबीर-ए-मा
हाफ़िज़
फ़ारसी कलाम
दोश चूँ मक़्सूद-ए-दिल दर कू-ए-जानाँ याफ़्तममज़हर-ए-दिल अज़ रुमूज़-ए-इ'श्क़-ए-सुब्हाँ याफ़्तम
अहमद जाम
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दोश लाल-ए-तू मरा ता-ब-सहर मेहमाँ दाश्तमुर्द:-ए-हिज्र ज़े-बू-ए-तू हमः शब जाँ दाश्त