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ना'त-ओ-मनक़बत
ताजुद्दीन के राज दुलारे ग़ौस मोहम्मद यूसुफ़ शाहराज हमारे ताज हमारे ग़ौस मोहम्मद यूसुफ़ शाह
ज़हीन शाह ताजी
ना'त-ओ-मनक़बत
तू है वो ग़ौस कि हर ग़ौस है शैदा तेरातू है वो गै़स कि हर गै़स है प्यासा तेरा
अहमद रज़ा ख़ान
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दोहा
विनय मलिका - टेर सुनी प्रहलाद की नरसिंह हो बनि आय
टेर सुनी प्रहलाद की नरसिंह हो बनि आयहिरनाकुस को मारि कै जन को लीन बचाय
दया बाई
पद
दिल की दिलमो रहि गयी बात अबि है बनि परभात
दिल की दिलमो रहि गयी बात अबि है बनि परभातग्यान रैन की रहा छुपाई साजन की मिलकात
अनंत महाराज
ना'त-ओ-मनक़बत
अपनी चौखट पे कभी मुझ को बुलाना या ग़ौसतेरा रौज़ा जो हसीं-तर है दिखाना या ग़ौस
उवेस रज़ा अम्बर
शबद
भेद बानी कोई सुनता है गुरु ज्ञानी गगन आवाज़ होती झीनी
इड़ा पिंगला सुषमन सोधे सुन्न धुजा फहरानीदीद बर-दीद हम नज़रों देखा अजरा अमर निसानी
कबीर
कलाम
ऐ सय्यद मोहम्मद जान 'क़दीर' तेरी सूरत में है भेद छुपादीवाना करीमुल्लाह ने दीवाना बना कर छोड़ दिया
मोहम्मद बादशाह क़दीर
कलाम
मोहम्मद बादशाह क़ादरी
दोहा
विनय मलिका - अजर अमर अबिगत अमित अनुभय अलख अभेव
अजर अमर अबिगत अमित अनुभय अलख अभेवअबिनासी आनन्दमय अभय सो आनंद देव
दया बाई
फ़ारसी कलाम
लौलाक कि नाज़िल शुद: दर शान-ए-मोहम्मदजुज़्वीस्त ज़े-औसाफ़-ए-फ़रावान-ए-मोहम्मद
शाह तुराब अली क़लंदर
शे'र
असीर-ए-गेसू-ए-पुर-ख़म बनाए पहले आशिक़ कोनिकाले फिर वो पेच-ओ-ख़म कभी कुछ है कभी कुछ है
अब्दुल हादी काविश
कलाम
गुलों की हम-नशीनी का मज़ा पाया ये 'आलम मेंकि सूरत एक सी मिलती है उन अश्कों से शबनम की
एम. एस. जौहर
ना'त-ओ-मनक़बत
मुसीबत हो कि राहत हो मज़े निस्बत के लेता हूँतुम्हारे दर पे रहता है ये सर या ग़ौस समदानी
कामिल शत्तारी
ना'त-ओ-मनक़बत
किस कैफ़ में डूबे हैं दीवाने मोहम्मद केपी पी के जिए जाते हैं मस्ताने मोहम्मद के
अमीर बख़्श साबरी
ना'त-ओ-मनक़बत
क्या रुत्बा है ग़ौस का वो हैं शह-ए-बग़दादउस की बलाएँ टाल दें दिल से करे जो याद