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सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
– दर्पण(33) आना जाना उसका भाए। जिस घर जाए लकड़ी खाए।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
-दर्पण (33) आना जाना उसका भाए। जिस घर जाए लकड़ी खाए।।
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सूफ़ी लेख
मौलाना जलालुद्दीन रूमी
मौलाना रूमी की मसनवी उनके विसाल के एक साल बाद हिंदुस्तान आई। यहाँ भी सूफ़ी संतों
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अयोध्या की राबिया-ए-ज़मन – हज़रत सय्यदा बड़ी बुआ
मुस्लिम यतीम-ख़ाना के क़ाएम होने के कुछ अ’र्से बा’द तक यतीम-ख़ाने के आस पास बंदरों का
सय्यद रिज़्वानुल्लाह वाहिदी
सूफ़ी लेख
पैकर-ए-सब्र-ओ-रज़ा “सय्यद शाह मोहम्मद यूसुफ़ बल्ख़ी फ़िरदौसी”
सय्यद शाह फ़ज़्लुल्लाह क़ादरी की मोहब्बत शाह अ’ब्दुल वहीद पर इस क़द्र ग़ालिब थी कि अपने
अब्सार बल्ख़ी
सूफ़ी लेख
जायसी और प्रेमतत्व पंडित परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल्.-एल्. बी.
अर्थात् विरहाग्नि की ज्वाला के ही प्रभाव में आकर स्वयं सूर्य तक रात दिन जलता और
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
ख़ानक़ाह-ए-फुलवारी शरीफ़ के मरासिम-ए-उ’र्स
उ’र्स की कुल तक़रीबें ख़ानकाह के अंदर होती हैं।इनका मज़ारात से कोई तअ’ल्लुक़ नहीं होता।मज़ारात पर
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी और योग पर उनकी किताब "बह्र-उल-हयात"
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी शत्तारिया सिलसिले के महान सूफ़ी संत थे. शत्तारी सिलसिला आप के समय बड़ा
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
Indian Sufism
हिंदुस्तान में सूफियों ने आपसी सद्भाव और भाईचारे का न सिर्फ सन्देश दिया बल्कि अपने जीवन
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
तजल्लियात-ए-सज्जादिया
आज के इस पुर-फ़ितन दौर में ख़ानक़ाहों की अ’ज़्मतें पामाल हो रही हैं और सियासी मफ़ाद