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सूफ़ी लेख
सूफ़ी काव्य में भाव ध्वनि- डॉ. रामकुमारी मिश्र
-चंदायन, 88.6-7 (यहाँ बेल के समान कठोर कुचों के वर्णन से प्रेम एवं रति भाव की उत्पत्ति होती है)
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
Krishna as a symbol in Sufism
बिश्नव अज़ नै चून् हिकायत मी कुनद । व,ज़ जुदाई–हा शिकायत मी कुनद ॥ आदि।पारम्परिक व्याख्या
बलराम शुक्ल
सूफ़ी लेख
महाकवि सूरदासजी- श्रीयुत पंडित रामचंद्र शुक्ल, काशी।
फिर तो गोपियाँ मानो उसी भ्रमर को संबोधन करके जो जो जी में आता है, खरी
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कन्नड़ का भक्ति साहित्य- श्री रङ्गनाथ दिवाकर
यह भक्ति मार्ग अन्य ज्ञान-कर्म मार्ग की अपेक्षा अधिक लोक-प्रिय बन गया इसका कारण यह है
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
दारा शिकोह और बाबा लाल बैरागी की वार्ता
12-दारा शुकोह – यदि यह ज्ञात हो जाये कि मुझको फकीर का वस्त्र हृदय से पसन्द
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अल्बेरूनी -प्रोफ़ेसर मुहम्मद हबीब
“इस में दोष राजाओं का है, जाति का नहीं। ऐसा न होता तो कोई ब्राह्मण और
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
भक्ति की पराकाष्ठा स्त्री ही के हृदय में मिलेगी पुरुष के नहीं। उतना समर्पण वही कर
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
कबीर के संपूर्ण वाङ्मय का रहस्य सत्यं शिवं सुंदरं की साधना एवं उपासना है। उनकी यह
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीरपंथी और दरियापंथी साहित्य में माया की परिकल्पना - सुरेशचंद्र मिश्र
अतीतकाल से ही माया को त्रिगुणात्मिका स्वीकार किया गया है। इस मत से कबीरपंथ एवं दरियापंथ
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
सन्यासी फ़क़ीर आंदोलन – भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम
“मेरा हरकारा ख़बर ले आया कि कल फ़क़ीरों का एक बड़ा दल सिलबेरी (बगुड़ा जिला) के
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की दूसरी क़िस्त
जीव शरीर के द्वारा ही अपने वास्तविक कर्तव्य की पूर्ति कर सकता है, इसी उद्दश्य से
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
सूर की सामाजिक सोच, डॉक्टर रमेश चन्द्र सिंह
मेरा ख्याल है कि इस आख्यान का एक दूसरा निष्कर्ष भी निकलता है जो पहले निष्कर्ष