आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चीज़"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "चीज़"
सूफ़ी लेख
अबू मुग़ीस हुसैन इब्न-ए-मन्सूर हल्लाज - मैकश अकबराबादी
जब कोई चीज़तुझसे मस होती है तो मुझसे भी मस होती है
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
वाँ मौज चेः बुवद ऐ’न-ए-दरियाहर चीज़ कि हस्त ऐ’न-ए-कुल अस्त
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
मैकश अकबराबादी
जो ख़ुदा दे तो बड़ी चीज़ है एहसास-ए-जमाललेकिन इस राह में ठोकर के सिवा कुछ भी नहीं
शशि टंडन
सूफ़ी लेख
तसव़्वुफ का अ’सरी मफ़्हूम - डॉक्टर मस्ऊ’द अनवर अ’लवी काकोरी
बेजा ख़्वाहिशात और तमन्नाओं का दिल से रुख़्सत होना ही अस्ल चीज़ है।हर तमन्ना दिल से रुख़्सत हो गई।