आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "जुदाई"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "जुदाई"
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत सय्यदना अमीर अबुल उला
जुदाई मबादा मर अज़ ख़ुदादिगर हरचे पेश आयदम शायदम
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
यहाँ जुदाई हैं अथवा इश्क को अमल हैं अथवा कहर खुदाई हैं यह संदेह।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
अज़ीज़ सफ़ीपुरी और उनकी उर्दू शा’इरी
वो मेरे पास है मुझ से ज़्यादाजुदाई मुझ में और उस में कहाँ है
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की शाइ’री में सूफ़ियाना आहँग
परेशाँ रोज़गारम बा कि गोयममुन्दर्जा बाला अश्आ’र में शाइ’र ने ये बयान किया कि है उसके
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
सूफ़ी लेख
ईद वाले ईद करें और दीद वाले दीद करें
सूफ़ी-संतों के यहाँ हिज्र की भी उतनी ही लज्जत है जितनी विसाल की. सूफ़ी ऐसा मानते
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी - आ’बिद हुसैन निज़ामी
ये 582 हिज्री की बात है।निशापुर के क़रीब क़स्बा हारून में वक़्त के एक मुर्शिद-ए-कामिल ने
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत ख़्वाजा नूर मोहम्मद महारवी - प्रोफ़ेसर इफ़्तिख़ार अहमद चिश्ती सुलैमानी
हम विसाल कराने के लिए आए हैं जुदाई डालने के लिए नहीं आए।और फ़रमाया ख़ैर मेरे
मुनादी
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी
ख़्वाजा-ए-ख़्वाज-गान ने अपने चहेते मुरीद को दिल्ली ही में ठहरने का हुक्म दिया और फ़रमाया ले
ख़्वाजा हसन सानी
सूफ़ी लेख
कबीर दास
चूँकि भाषा शाइ’री में उ’मूमन औ’रत की तरफ़ से, इज़्हार-ए-ज्ज़बात किया जाता है इसलिए कबीर दास
ज़माना
सूफ़ी लेख
Krishna as a symbol in Sufism
बिश्नव अज़ नै चून् हिकायत मी कुनद । व,ज़ जुदाई–हा शिकायत मी कुनद ॥ आदि।पारम्परिक व्याख्या
बलराम शुक्ल
सूफ़ी लेख
शम्स तबरेज़ी - ज़ियाउद्दीन अहमद ख़ां बर्नी
शम्स तबरेज़ी की वफ़ात के बा’द मौलाना की हालत बिल्कुल बदल गई। वो उनकी जुदाई में