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सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
सो ब्रह्म बतायो गुरु मंत्रहि माँहि।।जहँ जाइये तहँ जल परवान।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अमीर खुसरो- पद्मसिंह शर्मा
हमचु हिंदूज़न कसे दर आ'शिक़ी मर्दान: नेस्त,सोख़्तन बर शम्अ'-ए- मुर्द: कार-ए- हर परवान: नेस्त।।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो - तहज़ीबी हम-आहंगी की अ’लामत - डॉक्टर अनवारुल हसन
हम ज़े वय आमोज़ परस्तिश गरी।।ख़ुसरो ख़ानदानी रिवायत के ब-मोजिब शाही दरबार से वाबस्ता ज़रूर रहे
सूफ़ीनामा आर्काइव
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पीर नसीरुद्दीन ‘नसीर’
’’मुझे याद है कि मेरे शाइरी करने के बिल्कुल शुरुआती ज़माने में हज़रत पीर मेहर अली
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत हसन जान अबुल उलाई
हज़रत हसन जान को बचपन ही से शेर ओ सुख़न का शौक़ रहा है।उनका ये ज़ौक़
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की शाइ’री में सूफ़ियाना आहँग
मज़्कूरा बाला सुतूर से ये बात रोज़-ए-रौशन की तरह अ’याँ हो जाती है कि ख़ुसरो की