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सूफ़ी लेख
उ’र्फ़ी हिन्दी ज़बान में - मक़्बूल हुसैन अहमदपुरी
ब-हैरतम कि दिल-ए-बरहमन ज़े-कफ़ चूँ शुदतर्जुमा:
ज़माना
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अमीर ख़ुसरो - तहज़ीबी हम-आहंगी की अ’लामत - डॉक्टर अनवारुल हसन
हाफ़िज़ा गर वस्ल ख़्वाही सुल्ह कुन बा-ख़ास-ओ-आ’म।बा-मुसलमाँ अल्लाह अल्लाह बा-बरहमन राम-राम।।
सूफ़ीनामा आर्काइव
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शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
मेहराब-ए-ग़म-ए-अबरू-ए-दिल-दार से कह दोमैं इ’श्क़ की मिल्लत में हूँ ऐ शैख़-ओ-बरहमन
मयकश अकबराबादी
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वेदान्त - मैकश अकबराबादी
संहिता या’नी चारों वेदों के बा’द जो किताबें वेदिक अदब में क़ाबिल-ए-एहतिराम हैं वो बरहमन हैं
मयकश अकबराबादी
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मयकश अकबराबादी जीवन और शाइरी
“हिंदू तहज़ीब दुनिया की क़दीम-तरीन तहज़ीबों में से एक है। हिंदू क़दीम अदब के मुताले’ से
सुमन मिश्रा
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हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
“तुम समझते हो कि बरहमन हो, इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारी इस दग़ा-बाज़ी के लिए मुआ’फ़ कर
मुनादी
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चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह मोहसिन दानापुरी
डॉक्टर कलीम आ’जिज़ रक़म-तराज़ हैं :“चंद साल बा’द मेरी बहन की शादी हुई तो हज़रत शाह