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सूफ़ी लेख
क़व्वाली का माज़ी और मुस्तक़बिल
हज़रत ख़ाजा-ए-ख़्वाज-गान के वक़्त से आज तक हिन्दुस्तान में क़व्वाली की मक़्बूलियत कभी कम नहीं हुई
मुनादी
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह गंगा-जमुनी तहज़ीब और सूफ़ी संस्कृति का एक बुलंदतरीन मरकज़
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी मौसीक़ी और अमीर ख़ुसरौ
इंसानी जज़्बात के इज़हार के लिए इंसान ने जिन फ़ुनून को वज़ा’ किया है उनमें से
उमैर हुसामी
सूफ़ी लेख
कबीर और शेख़ तक़ी सुहरवर्दी
कबीर भारतीय संस्कृति के एक ऐसे विशाल वट वृक्ष हैं जिसकी छाया में भारतीय संस्कृति, दर्शन
सुमन मिश्रा
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समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह गंगा-जमुनी तहज़ीब और सूफ़ी संस्कृति का एक बुलंदतरीन मरकज़
सुमन मिश्रा
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समकालीन खाद्य संकट और ख़ानक़ाही रिवायात
आज दुनिया संगीन क़िस्म के ग़िज़ाई बोहरान से नबर्द-आज़मा है, जदीद टेक्नॉलोजी के दौर में तरक़्क़ियाती
रहबर मिस्बाही
सूफ़ी लेख
सुल्तानुल-मशाइख़ और उनकी ता’लीमात - आयतुल्लाह जा’फ़री फुलवारवी
सुल्तानुल-मशाइख़ की शख़्सियत पर अब तक बहुत कुछ लिखा जा चुका है इसलिए उनकी शख़्सियत के
मुनादी
सूफ़ी लेख
ज़हीन शाह ताजी और उनका सूफ़ियाना कलाम
बाबा ताजुद्दीन नागपुरी महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत हुए हैं। मेहर बाबा ने इन्हें अपने समय के
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
गीता और तसव्वुफ़ - मुंशी मंज़ूरुल-हक़ कलीम
हिन्दुस्तान जिस तरह तमद्दुन-ओ-मुआ’शरत में दूसरी मोहज़्ज़ब क़ौमों का गुरू था उसी तरह वो रूहानियत में
ज़माना
सूफ़ी लेख
हज़रत शाह बर्कतुल्लाह ‘पेमी’ और उनका पेम प्रकाश
गीता में उल्लेख आया है क्षीणे पुण्ये, मृत्यु लोकं विशन्ति. कहते हैं कि देवताओं में केवल
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
क़व्वाली का ‘अह्द-ए-ईजाद और मक़्सद-ए-ईजाद
क़व्वाली की ईजाद अमीर ख़ुसरो के ‘अह्द-ए-हयात 1253 ता 1325 के ठीक दरमियान का ‘अह्द है,
अकमल हैदराबादी
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दूल्हा और दुल्हन का आरिफ़ाना तसव्वुर
दूल्हा और दुल्हन बहुत आम फ़हम अलफ़ाज़ हैं। इनकी तहज़ीबी हैसियत और समाजी मानविय्यत से वो
शमीम तारिक़
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रदीफ़ काटना और चोट करना
रदीफ़ काटना : क़व्वाली के जदीद मुक़ाबलों में ''रदीफ़ की तकरार' की ब-निस्बत ''रदीफ़ काटने' के
अकमल हैदराबादी
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महफ़िल-ए-समाअ’ और सिलसिला-ए-वारसिया
अ’रबी ज़बान का एक लफ़्ज़ ‘क़ौल’ है जिसके मा’नी हैं बयान, गुफ़्तुगू और बात कहना वग़ैरा।आ’म