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सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
आ’रिफ़-ए-कामिल वली इब्न-ए-वली क़ुतुब-ए-दींआ’लिम इ’ल्म-ए-नबी काशिफ़-ए-राज़-ए-अ’ली
फ़ैज़ अली शाह
सूफ़ी लेख
तुलसीदासजी की सुकुमार सूक्तियाँ- राजबहादुर लमगोड़ा
तुझे हम वली समझते जो न वादहख़्वार होता।दाग़ कहते हैं----
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
गुजरात के सूफ़ी कवियों की हिन्दी-कविता - अम्बाशंकर नागर
‘वली ने अपनी उम्र का एक हिस्सा सैरो सियाहत में गुजारा है और इसी सैरो सियाहत
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
महफ़िल-ए-समाअ’ और सिलसिला-ए-वारसिया
(16) हज़रत वली शाह वारसिया, अमरोहा (यूपी)(17) हज़रत ग़ालिब शाह वारसी, रामपुर (यूपी)
डॉ. कबीर वारसी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत सय्यद शाह अ’ज़ीज़ुद्दीन हुसैन मुनएमी
हश्र ब-अहमद-ए-शफ़ीअ’-ए’-उममपय-ए-तारीख़-ए-आँ वली-ए-ख़ुदा
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
दीनदारी से मुस्लमान हज़र करते हैंबा-अ’मल उ’ल्मा अगर हों तो वली हो जाएं
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत सय्यदना अमीर अबुल उला
आप ‘इंसान’ तख़ल्लुस किया करते, आप फ़रमाते हैं:सररिश्ती-ए-नस्ब ब-अली वली रसीद
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
शैख़ सलीम चिश्ती
साल-ए-तरहील-ए-आँ वली-ए-करीमहातिफ़म गुफ़्त बद्र-ए-ख़ुल्द-ए-सलीम
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
सय्यिद सालार मस्ऊद ग़ाज़ी
‘अकबर’ ब-फ़िक्र बूद कि हातिफ़ ज़े-ग़ैब गुफ़्ततारीख़-ए-इंतिक़ाल,वली-ए-जहाँ शहीद
जुनैद अहमद नूर
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हज़रत शाह बर्कतुल्लाह ‘पेमी’ और उनका पेम प्रकाश
क़ुतुब अब्दाल का साहेब, वली और गौस का नायिबजपें नित हाज़िरी ग़ायब, हबीबुल्लाह है सानी
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ अबुल हसन अ’ली हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैहि
जब वली अपनी विलायत में सादिक़ होता है तो उस से करामत ज़ाहिर होती है। करामत
सूफ़ीनामा आर्काइव
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"है शहर-ए-बनारस की फ़ज़ा कितनी मुकर्रम"
आस्ताना काफ़ी बड़े इहाते में और बुलंदी पर वाक़े’ है। आपके मज़ार के मुत्तसिल आपके साहिब-ज़ादे
रय्यान अबुलउलाई
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हज़रत ख़्वाजा नूर मोहम्मद महारवी - प्रोफ़ेसर इफ़्तिख़ार अहमद चिश्ती सुलैमानी
मादर-ज़ाद वलीआपकी पैदाइश से क़ब्ल आपकी वालिदा ने एक ख़्वाब देखा कि गोया एक ऐसा चराग़