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सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
स्वीडिनबोर्ग शौपेनहौर आदि मिस्टिक व दार्शनिक योरप में देश देश में हुए हैं। धर्म और संसार
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
गुरु बाबा नानक जी - अ’ल्लामा सर अ’ब्दुल क़ादिर
“रहम को मस्जिद बना ईमान और सच्चाई की जा-नमाज़ ले,इंसाफ़ को अपनी मुक़द्दस किताब समझ,मीठा चलन
मुनादी
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हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया सुहरावर्दी रहमतुल्लाह अ’लैह
हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया रहमतुल्लाह अ’लैह की न किसी तस्नीफ़ का पता है, और न मल्फ़ूज़ात
सूफ़ीनामा आर्काइव
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तल्क़ीन-ए-मुरीदीन-हज़रत शैख़ शहाबुद्दीन सुहरवर्दी
जब सच्चाई के साथ मुहासबे पर मुदावमत करेगा तो उसकी लग़्ज़िशें कम होती जाएँगी यहाँ तक
सूफ़ीनामा आर्काइव
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हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
ईमानः-ईमान की सच्चाई ख़ुदा को बड़ा समझने में है और ख़ुदा की बड़ाई के एहसास से
सूफ़ीनामा आर्काइव
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क़व्वाली और अमीर ख़ुसरो – अहमद हुसैन ख़ान
मज़्कूरा बाला क़ल्ल-ओ-दल्ल से क़व्वाली जैसी मौसीक़ी बहर सूरत मुफ़ीद साबित होती है। इस से जो
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें?
हिन्दोस्तान में सिलसिला-ए-तसव्वुफ़ का चराग़ कई सदियों से रौशन है। इसकी अज़्मत के तज़्किरे भरे पड़े
रय्यान अबुलउलाई
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हज़रत शाह नियाज़ बरेलवी की शाइरी में इरफान-ए-हक़
लफ़्ज़-ए-'जंग' को इस मक़ाम पर उन्होंने मुज़क्कर के सेग़े में इस्तिमाल किया है, जब्कि उमूमन लफ़्ज़
अहमद फ़ाख़िर
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हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
जो कैफ़ियत बंगाल की थी वही कैफ़ियत महाराष्ट्र की थी। बद-क़िस्मती से अंग्रेज़ी मोअर्रिख़ों ने छत्रपति