आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हमेशा"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "हमेशा"
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
ना’त लिखता हूँ हमेशा अहमद-ए-मुख़्तार कीF.शम्सुलहक़ सज्जाद अ’ली मैकश
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार
ये रंग ज़िंदगी का रखे ख़ुदा हमेशादिल में हो दर्द-ए-वारिस सर में हवा-ए-वारिस
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हकीम सफ़दर अ’ली सफ़ा वारसी
नज़ारा करता रहता हूँ हर इक तारीख़-ए-पहली कासना-ख़्वाँ मैं हमेशा रहता हूँ तारीख़-ए-पहली का
जुनैद अहमद नूर
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ अबुल हसन अ’ली हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैहि
हज़रत शैख़ हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैह के नज़दीक ज़ाहिर ब-ग़ैर बातिन के मुनाफ़क़त है, और बातिन बग़ैर
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बक़ा-ए-इन्सानियत में सूफ़ियों का हिस्सा (हज़रत शाह तुराब अ’ली क़लंदर काकोरवी के हवाला से) - डॉक्टर मसऊ’द अनवर अ’लवी
मुनादी
सूफ़ी लेख
जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
हज़रत ने फरमाया- तुम अभी जवान हो। तुम्हें हमेशा अपने आप को गर्व और मिथ्याभिमान से