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सूफ़ी लेख
क़व्वाली एक ताल का नाम भी
समा’अ में अगर नग़्मा की बा-ज़ाबतगी हो तो वो समा’अ से ख़ारिज हो जाता है। नग़्मा
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
बिहार में क़व्वालों का इतिहास
क़व्वाली शब्द अरबी भाषा के शब्द ‘क़ौल’ से लिया गया है। क़ौल पढ़ने वाले व्यक्ति को
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
क़व्वाली में तशरीह का इज़ाफ़ा
क़व्वाली के बेशतर सामिईन उर्दू के मुश्किल अल्फ़ाज़ को समझने में दुशवारी महसूस करते हैं, जिससे
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
क़व्वाली का मजमूई तास्सुर
क़व्वाली एक टोली का गाना है और टोली चंद अफ़राद के इत्तिहाद का नाम हिन्दोस्तान में
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
क़व्वाली में सितार का इस्तिमाल
मशहूर हिन्दुस्तानी साज़ सितार अमीर ख़ुसरो की ईजाद है, ज़ाहिर है ये साज़ अमीर ख़ुसरो से
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
फ़ारसी गिरह-बंदी की इब्तिदा, फ़ारसी का मंज़ूम कलाम
‘’अल्लाह हू" की तकरार और हज़रत ‘अली की तारीफ़ ही के दौर में क़व्वाली में फ़ारसी
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
समा के आदाब-ओ-मवाने से का इनहराफ़
हज़रत जुनैद बग़्दादी के समा’अ से आख़िरी उम्र में किनारा-कशी इख़्तियार कर लेने के बा’द समा’अ