आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "intikhab khvaja wazir ebooks"
शेर के संबंधित परिणाम "intikhab khvaja wazir ebooks"
शे'र
सूरत-परस्त-ओ-राज-परस्त-ओ-सनम-परस्तमा'नी में देखिये तो सभी हैं ख़ुदा-परस्त
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
सूरत-परस्त-ओ-राज-परस्त-ओ-सनम-परस्तमा'नी में देखिये तो सभी हैं ख़ुदा-परस्त
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
दिलबर में दिल या दिलबर दिल में है'इ’श्क़' उस को बता किस तरह से ग़ैर कहूँ
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
जिस दिन से बू-ए-ज़ुल्फ़ ले आई है अपने साथइस गुलशन-ए-जहाँ में हुआ हूँ सबा-परस्त
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
फूले नहीं समाते हो जामा में मिस्ल-ए-गुलपहुँचा है तुम को आज कसो का पयाम-ए-ख़ास
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
क्यूँकर न चलें गुलशन-ए-दुनिया में ये लवेंहो गई है मियाँ आह की तासीर हवा पर
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
सरसब्ज़ गुल की रखे ख़ुदा हर रविश बहारऐ बाग़बाँ नसीब हो तुझ को बला-ए-गुल
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
सरसब्ज़ गुल की रखे ख़ुदा हर रविश बहारऐ बाग़बाँ नसीब हो तुझ को बला-ए-गुल
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
कहियो ऐ क़ासिद पयाम उस को कि तेरे हिज्र सेजाँ-ब-लब पहुँचा नहीं आता है तू याँ अब तलक
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
गरचे कैफ़ियत ख़ुशी में उस की होती है दो-चंदपर क़यामत लुत्फ़ रखती है ये झुँझलाने की तरह