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शे'र
वो चाँद सा मुँह सुर्ख़ दुपट्टा में है रख़्शाँया मेहर कहूँ जल्वा-नुमा ज़ेर-ए-शफ़क़ है
मीर मोहम्मद बेदार
शे'र
तू ने अपना जल्वा दिखाने को जो नक़ाब मुँह से उठा दियावहीं हैरत-ए-बे-खु़दी ने मुझे आईना सा दिखा दिया
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
शे'र
तू ने अपना जल्वा दिखाने को जो नक़ाब मुँह से उठा दियावहीं हैरत-ए-बे-खु़दी ने मुझे आईना सा दिखा दिया