आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अहल-ए-दिल"
Kalaam के संबंधित परिणाम "अहल-ए-दिल"
कलाम
जो अहल-ए-दिल हैं वो हर दिल को अपना दिल समझते हैंमक़ाम-ए-'इश्क़ में हर गाम को मंज़िल समझते हैं
अमीर बख़्श साबरी
कलाम
पय-ए-तकमील ऐ 'सीमाब' आए अहल-ए-दिल कोईमैं दुनिया को हदीस-ए-ना-तमाम-ए-दिल समझता हूँ
सीमाब अकबराबादी
कलाम
अज़्म-ए-फ़रियाद! उन्हें ऐ दिल-ए-नाशाद नहींमस्लक-ए-अहल-ए-वफ़ा ज़ब्त है फ़रियाद नहीं
सीमाब अकबराबादी
कलाम
तिरा क्या काम अब दिल में ग़म-ए-जानाना आता हैनिकल ऐ सब्र इस घर से कि साहिब-ख़ाना आता है
अमीर मीनाई
कलाम
फिर बहार आई चमन में ज़ख़्म-ए-दिल आए हुएफिर मिरी दाग़-ए-जुनूँ आतिश की पर काले हुए
इमाम बख़्श नासिख़
कलाम
दिल जिगर को आश्ना-ए-दर्द-ए-उल्फ़त कर दियाइक निगाह-ए-नाज़ ने सामान-ए-राहत कर दिया