परिणाम "इख़्तियार"
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दिन ज़िंदगी के कैसे कटेंगे बहार मेंतुम इख़्तियार में हो न दिल इख़्तियार में
आएँ वो या न आएँ तरस खाएँ या न खाएँक्या इख़्तियार गिर्या-ए-बे-इख़्तियार का
इस अम्र में भी ये बे-इख़्तियार है बंदामिला है 'दर्द' अगर याँ कुछ इख़्तियार मुझे
है छूटने को दामन-ए-सब्र-ओ-क़रार आजबे-इख़्तियार होने को है इख़्तियार आज
मौत पर कोई इख़्तियार नहींग़ैर मुम्किन है मौत टल जाए
जैसे ये मीर का सुना है शे'रगर ये बे-इख़्तियार है आता
महसूस कर रहा हूँ उन्हें दिल में देख करजैसे है काएनात मिरे इख़्तियार में
है बख़्शने न बख़्शने में उस को इख़्तियारतू है गुनाहगार कहे जा ख़ता हुई
सवाल-ए-जबर रहा और न इख़्तियार रहामेरे अमल का करम पर ही इंहिसार रहा
कोई फ़ित्ना ता-क़ियामत न फिर आश्कार होतातिरे दिल पे काश ज़ालिम मुझे इख़्तियार होता
ख़ुदा के वास्ते कलिमा बुतों का पढ़ ज़ाहिदफिर इख़्तियार में ग़ाफ़िल ज़बाँ रहे न रहे
उ'ज़्र-ए-गुनाह क्यूँ करूँ क्या मुझे आगही नहींतर्क और इख़्तियार पर क़ुदरत-ए-आदमी नहीं
ऐ जबर-ए-दोस्त लग़्ज़िश-ए-‘माहिर’ से दर-गुज़रआया हूँ इख़्तियार की तोहमत लिए हुए
शिकवा नसीब का न गिला हुस्न-ए-यार कासारा क़ुसूर है दिल-ए-बे-इख़्तियार का
जज़्बा-ए-बे-इख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिएसीना-ए-शमशीर से बाहर है दम शमशीर का
बुतों के जब्र उठाए हज़ार-हा हम नेजो उस पे भी न मिलीं इख़्तियार रखते हैं
चाहो वफ़ा करो न करो इख़्तियार हैख़तरे जो अपने जी में थे वो सब उठा दिए
जिस दम निकल चला मिरे पहलू को तोड़ कररोया लिपट के तीर से बे-इख़्तियार दिल
पूछा जो मुझ से तालिब-ए-रोज़-ए-जज़ा है कौननिकला मिरी ज़बान से बे-इख़्तियार दिल
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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