आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nadeem ki ghazlen ahmad nadeem qasmi ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "nadeem ki ghazlen ahmad nadeem qasmi ebooks"
कलाम
घनी शाख़ों में छुप कर जब कोई चिड़िया चहकती हैतो मेरे दिल में क्यूँ हसरत की चिंगारी भड़कती है
अहमद नदीम क़ासमी
कलाम
शान-ए-ख़ुदा भी आप महबूब-ए-ख़ुदा भी आप हैंतज्सीम-ए-हक़ भी आप हैं और हक़-नुमा भी आप हैं
अहमद नदीम क़ासमी
कलाम
मद्रसे में आशिक़ों के जिस की बिस्मिल्लाह होउस का पहला ही सबक़ यारो फ़ना फ़िल्लाह हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
कलाम
ये अजब क़यामतें हैं तिरे रहगुज़र में गुज़राँन हुआ कि मर मिटें हम न हुआ कि जी उठें हम
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कलाम
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गईदिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कलाम
तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गएतिरी रह में करते थे सर तलब सर-ए-रहगुज़ार चले गए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कलाम
अफ़्साना मेरे दर्द का उस यार से कह दोफ़ुर्क़त की मुसीबत को दिल-आज़ार से कह दो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
कलाम
तुम्हारे 'इश्क़ में गर जान के देने से मैं अड़ताकोई दिन जी के आख़िर मौत से मरना ही फिर पड़ता
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
कलाम
दर पे किसी के आ गया दैर-ओ-हरम को देख करसज्दे में सब सनम गिरे मेरे सनम को देख कर