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फ़ारसी कलाम
बाग़बाँ हर जा कि बाशद ख़ैर-ख़्वाह-ए-गुलशनममन फ़िदा-ए-अं'दलीब-ओ-ख़ाक-ए-राह-ए-गुलशनम
ख़्वाजा मीर दर्द
फ़ारसी कलाम
नक़ाब अज़ रू-ए-ऊ वा-बूद शब जाए कि मन बूदमज़े-हुस्नश शोर-ओ-ग़ौग़ा बूद शब जाए कि मन बूदम
औहदी
फ़ारसी कलाम
नक़ाब अज़ रू-ए-ऊ वा बूद शब जाए कि मन बूदमज़े-हुस्नश शोर-ओ-ग़ौग़ा बूद शब जाए कि मन बूदम
औहदी
फ़ारसी कलाम
नमी-दानम चे मंज़िल बूद शब जाए कि मन बूदमब-हर-सू रक़्स-ए-बिस्मिल बूद शब जाए कि मन बूदम
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी कलाम
यारब आँ शम-ए-शब-अफ़रोज़ ज़े-काशान:-ए-कीस्तजान-ए-मा सोख़्त ब-पुर्सीद कि जानान:-ए-कीस्त
हाफ़िज़
फ़ारसी कलाम
खस्त:-ए-हिज्र गश्त:-अम बा तू विसालम आरज़ूस्ततीरः शुदः अस्त चश्म-ए-मन नूर-ए-जमालम आरज़ूस्त
हुसैन बिन मंसूर हल्लाज
फ़ारसी कलाम
मी-कुनद बा मन दिलम हर-लहज़: इज़हारे दिगरअज़ दरूनम मी-ज़नद सिर्र हर-दम असरारे दिगर
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
फ़ारसी कलाम
गर तू तलबे दारी बेदारी-ए-शबहा कूबा-ज़िक्र-ए-ख़ुदा बूदन दर ख़ल्वत-ए-शबहा कू
शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी
फ़ारसी कलाम
बा हम: ख़ूबरूईयम आ‘शिक़-ए-रू-ए-कीस्तमरुस्त: ज़े-दाम-ए-जिस्म-ओ-जाँ बस्त:-ए-मू-ए-कीस्तम
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
फ़ारसी कलाम
गुफ़्ता कि ई तु बा मा गुफ़्तम कमीं गु़लामतगुफ़्ता मगर तु मस्ती गुफ़्तम बले ज़े जामत
शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी
फ़ारसी कलाम
ऐ आख़िर-ए-हर-अव्वल वै अव्वल-ए-हर-आख़िरवे ज़ाहिर-ए-हर-बातिन वै बातिन-ए-हर-ज़ाहिर