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लखनऊ के शायर और अदीब

कुल: 57

मा’रूफ़ हिन्दुस्तानी शाइ’र और हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद

रुहानी शाइ’र और “वारिस बैकुंठ पठावन” के मुसन्निफ़

अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी और आफ़ताबुद्दौला शम्स-ए-जंग के ख़िताब से सम्मानित शाएर

नासिख़ का एक गुम-नाम शागिर्द

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

नासिख़ के शिष्य, मराठा शासक यशवंत राव होलकर और अवध के नवाब ग़ाज़ी हैदर की सेना के सदस्य

स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध

सिलसिला-ए-वारसिया से अ’क़ीदत रखने वाला शाइ'र

उर्दू अबद के नाम-वर और क़ादिरुल-कलाम शाइ’र

फ़िरंगी महल्ली लखनऊ के आ’लिम-ए-दीन

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