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बेदम शाह वारसी

1876 - 1936 | उन्नाव, भारत

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

बेदम शाह वारसी

ग़ज़ल 67

शे'र 86

कलाम 13

फ़ारसी सूफ़ी काव्य 1

 

रूबाई 3

 

ना'त-ओ-मनक़बत 23

क़िता' 1

 

वीडियो 32

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स्येद फ़सीहुद्दिन सुहरावर्दी

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

ताहिर अली, माहिर अली

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साबरी ब्रदर्स

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

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ग़ौस मुहम्मद नासिर

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

मुकर्रम अ'ली वारसी

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

फरीद अयाज़

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

तस्लीम आ'रिफ़

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

अ'ज़ीज़ मियां

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना

मुकर्रम अ'ली वारसी

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राहिल फ़ारूक़

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

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बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

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बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

आ'लम सैफ़ी

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

राहत फ़तेह अली ख़ान

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

हमसर हयात, अतहर हयात

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

ओवैद रज़ा क़ादरी

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वो चले झटक के दामन मिरे दस्त-ए-ना-तवाँ से

बेदम शाह वारसी

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