Sufinama

लखनऊ के शायर और अदीब

कुल: 87

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध

रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध

मुख़्तलिफ़ ख़ूबियों वाला एक अ’ज़ीम शायर

मुख़्तलिफ़ ख़ूबियों वाला एक अ’ज़ीम शायर

मा’रूफ़ हिन्दुस्तानी शाइ’र और हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद

मा’रूफ़ हिन्दुस्तानी शाइ’र और हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद

लखनऊ के मशहूर ताजिर

लखनऊ के मशहूर ताजिर

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

रुहानी शाइ’र और “वारिस बैकुंठ पठावन” के मुसन्निफ़

रुहानी शाइ’र और “वारिस बैकुंठ पठावन” के मुसन्निफ़

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और लखनऊ के शाइ’र-ए- मश्शाक़

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और लखनऊ के शाइ’र-ए- मश्शाक़

अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी और आफ़ताबुद्दौला शम्स-ए-जंग के ख़िताब से सम्मानित शाएर

अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी और आफ़ताबुद्दौला शम्स-ए-जंग के ख़िताब से सम्मानित शाएर

मुस्हफ़ी का एक मुम्ताज़ शागिर्द

मुस्हफ़ी का एक मुम्ताज़ शागिर्द

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

नासिख़ का एक गुम-नाम शागिर्द

नासिख़ का एक गुम-नाम शागिर्द

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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