आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ख़िदमत-ए-ख़ल्क़"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "ख़िदमत-ए-ख़ल्क़"
सूफ़ी लेख
हाजी वारिस अ’ली शाह का पैग़ाम-ए-इन्सानियत - डॉक्टर सफ़ी अहमद काकोरवी
मुअ’ल्लिम-ए-इन्सानियत शैख़ सा’दी इसी बात को यूँ कहते हैं।तरीक़त ब-जुज़ ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ नीस्त
मुनादी
सूफ़ी लेख
हज़रत मख़्दूम दरवेश अशरफ़ी चिश्ती बीथवी
हज़ारों साल तक ही ख़िदमत-ए-ख़ल्क़-ए-ख़ुदा कर केज़माने में कोई एक बा-ख़ुदा दरवेश होता है
मुनीर क़मर
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "ख़िदमत-ए-ख़ल्क़"
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी - आ’बिद हुसैन निज़ामी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
पैकर-ए-सब्र-ओ-रज़ा “सय्यद शाह मोहम्मद यूसुफ़ बल्ख़ी फ़िरदौसी”
दूसरी शादी शाह ग़ुलाम हसनैन बल्ख़ी की दूसरी बेटी मुबारक ख़ातून से हुई। मुबारक ख़ातून एक
अब्सार बल्ख़ी
सूफ़ी लेख
चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
“दरख़्त ख़ुद तो धूप में खड़ा रहता है लेकिन दूसरों को साया देता है।लकड़ी ख़ुद तो
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती शैख़पूरवी
ख़्वाजा अबदुल्लाह चिश्ती के बाद ख़ानवादा ए मौदूदिया को हज़रत ताज महमूद हक़्क़ानी से ख़ूब शोहरत
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
तसव़्वुफ का अ’सरी मफ़्हूम - डॉक्टर मस्ऊ’द अनवर अ’लवी काकोरी
मैं अपने पैर से काँटा निकालने को झुका ही था कि महबूब का कजावा आँखों से
मुनादी
सूफ़ी लेख
हकीम सय्यद शाह तक़ी हसन बल्ख़ी
इस के अ’लावा हज़रत शाह अकबर दानापूरी के 65 वाँ उ’र्स के मुबारक मौक़ा’ पर सेमिनार
अब्सार बल्ख़ी
सूफ़ी लेख
हज़रत सयय्द अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी का पंडोह शरीफ़ से किछौछा शरीफ़ तक का सफ़र-अ’ली अशरफ़ चापदानवी
सूफ़ीनामा आर्काइव
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
सूफ़ी कहावत
रू-ए ज़ेबा मरहम-ए-दिलहा-ए-ख़स्ता अस्त-ओ-कलीद-ए-दरहा-ए-बस्ता
एक ख़ूबसूरत चेहरा दुखी दिलों के लिए मरहम की तरह होता है, और बंद दरवाजों के लिए कुंजी
वाचिक परंपरा
ना'त-ओ-मनक़बत
गुल-ए-बुस्तान-ए-मा'शूक़ी मह-ए-ताबान-ए-महबूबीनिज़ामुद्दीन सुल्तान-उल-मशाइख़ जान-ए-महबूबी