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राग आधारित पद
राग भैरव, चौताल- जै सारदा भवानी भारती विद्या, नाम वेद जस गावै।
जै सारदा भवानी भारती विद्या, नाम वेद जस गावै।वानी वाक् इड़ा देवी, सरस्वती मन भावै।।
विलास ख़ान
सूफ़ी कहावत
करम कमंडल कर गहे तुलसी जस जग माही
करम कमंडल कर गहे तुलसी जस जग माहीसरिता सुरसरि कूप जल बूँद न अधिक समाही
वाचिक परंपरा
सूफ़ी कहावत
जस केले के पात में, पात पात में पात
जस केले के पात में, पात पात में पाततस ज्ञानी की बात में, बात बात में बात
वाचिक परंपरा
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दोहा
रहिमन बिद्या बुद्धि नहिं नहीं धरम जस दान
रहिमन बिद्या बुद्धि नहिं नहीं धरम जस दानभू पर जनम वृथा धरै पसु बिनु पूँछ बिषान
रहीम
पद
सावन - पिय बिन बिरहिन बावरी जिय जस कसकत हूल
पिय बिन बिरहिन बावरी जिय जस कसकत हूलसूल उठै पति पीर की धन संपत सुख धूल
तुलसी साहिब हाथरस वाले
सूफ़ी लेख
जायसी और प्रेमतत्व पंडित परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल्.-एल्. बी.
चोर बैठ जस सेंधि सँवारी। जुआ पैंत जस लाव जुआरी।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
पद
गुरु-भक्ति - प्रेमी सुने प्रेम की बात।।
बचन पियारे गुरु के ऐसे जस माता सुत तोतरि बात ।।जस कामी को कामिन प्यारी अस गुरुमुख को गुरु का गात।।
शिवदयाल सिंह
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
मुकर मांहि जस छाई।तैसे ही हरि बसै निरंतर,
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
उदासी संत रैदास जी- श्रीयुत परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल-एल. बी.
जाको जस गावै लोक।। भगनि हेतु भगता के चले।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
समर्थ गुरु रामदास- लक्ष्मीधर वाजपेयी
गावहिं हरि जस कलिमलहारी। कीन्हें प्राकृत-जन-गुन-गाना,
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
उ’र्फ़ी हिन्दी ज़बान में - मक़्बूल हुसैन अहमदपुरी
दोहा:बिन हल्ला गुल कुछ नहीं जस जीवन बिन प्राण
ज़माना
कवित्त
नटवर बेष साजि मदन लजाने लाल,
चन्द्रकला गाय गीत भ्रमत सनेह सने,बरनत नारदादि जस जनपाल को ।