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सूफ़ी लेख
कदर पिया- श्री गोपालचंद्र सिंह, एम. ए., एल. एल. बी., विशारद
तुम्हीं बताओ नयना पहिले, किसने यह बिस बोया।। नयन-सबही कुछ हम देखत हैं, काहे धरत हो नाम।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
ना'त-ओ-मनक़बत
और उस से ये कहना कि ऐ समर-ए-गुलिस्ताँ किचमन उम्मीद का बोया था लेकिन फल नहीं पाए
मुज़्तर ख़ैराबादी
सूफ़ी लेख
सतगुरू नानक साहिब
“मेंढ़क कंवल के पास ही रहता है लेकिन हक़ीक़त में हज़ारों कोस दूर है क्यूँकि कंवल