आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रोज़-ओ-शब"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "रोज़-ओ-शब"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "रोज़-ओ-शब"
अन्य परिणाम "रोज़-ओ-शब"
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
हर कि रा यक शब चुनीं रोज़ी बुवद ।रोज़-ओ-शब कारश जिगर सोज़ी बुवद ।।
सुमन मिश्रा
ना'त-ओ-मनक़बत
छुपता नहीं छुपा है मज्लिस में रोज़-ओ-शब केमजमा' में 'आशिक़ों के आसार चिश्तियों का
अफ़ज़ल हुसैन अस्दक़ी
ना'त-ओ-मनक़बत
दश्त-ए-ग़ुर्बत में भटकता फिर रहा है रोज़-ओ-शबज़िंदगी का क़ाफ़िला ऐ हादी-ए-दुनियानिना
इश्तियाक़ आलम शहबाज़ी
ना'त-ओ-मनक़बत
भरी जाती है झोली रोज़-ओ-शब इस दर से मंगतों कीमुझे भी कीजिए कुछ तो 'अता सरकार-ए-रब्बानी
इल्यास महशर
ना'त-ओ-मनक़बत
मोजिब-ए-तकवीन है फ़रमान-ए-ताज-उल-औलियारोज़-ओ-शब शाम-ओ-सहर क़ुर्बान-ए-ताज-उल-औलिया
ज़हीन शाह ताजी
ना'त-ओ-मनक़बत
थक गए हिन्द के ये रोज़-ओ-शब-ओ-शाम-ओ-सहरसुनते सुनते मिरी फ़रियाद रसूल-ए-’अरबी
बह्ज़ाद लखनवी
ना'त-ओ-मनक़बत
चूमती हैं जिस को हूरान-ए-जिनाँ भी रोज़-ओ-शबहै कोई इज़हार तो वो है मज़ार फ़ातिमा
इज़हार जबलपुरी
ना'त-ओ-मनक़बत
रोज़-ओ-शब का एक एक लम्हा जो भी है आप कावो तो क़ुरआन-ए-मुबीं की वाक़’ई तफ़्सीर है
हाज़िम हस्सान
ना'त-ओ-मनक़बत
किस से बयाँ हो जल्वा-ए-शब लुत्फ़-ए-रोज़-ए-उ’र्सये रोज़-ओ-शब हैं लैल-ओ-नहार-ए-अबुल-उ'ला