आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "baais khwaja ki chaukhat syed ruknuddin nizami ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "baais khwaja ki chaukhat syed ruknuddin nizami ebooks"
पद
शा मुजीबुल्ला का चौखट है सज्दा-गाह जहाँ का
शा मुजीबुल्ला का चौखट है सज्दा-गाह जहाँ कावस्फ़ है उस का देने वाला फ़रहत रूह-ओ-रवाँ का
कवि दिलदार
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर ख़्वाजा रुकनुद्दीन इश्क़
ख़्वाजा रुकनुद्दीन इश्क़ एक महान सूफ़ी शा’इर हुए हैं। अगर उनकी ज़िंदगी और शाइरी नज़र डालें,
रय्यान अबुलउलाई
ना'त-ओ-मनक़बत
अपनी चौखट पे कभी मुझ को बुलाना या ग़ौसतेरा रौज़ा जो हसीं-तर है दिखाना या ग़ौस
उवेस रज़ा अम्बर
अन्य परिणाम "baais khwaja ki chaukhat syed ruknuddin nizami ebooks"
ग़ज़ल
बस-कि हूँ दिल-तंग ख़ुश आता है सहरा-ए-क़फ़सबुलबुल-ए-बे-बाल-ओ-पर रखती है सौदा-ए-क़फ़स
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
ग़ज़ल
दिल में ख़याल था कि उसे कुछ कहेंगे 'इ'श्क़'मुँह देख रह गए उसे नाचार देख कर
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
कहियो ऐ क़ासिद पयाम उस को कि तेरे हिज्र सेजाँ-ब-लब पहुँचा नहीं आता है तू याँ अब तलक
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
ना'त-ओ-मनक़बत
माना कि 'उम्र गुज़री है सारी गुनाह मेंलेकिन अब आ गया हूँ तेरी बारगाह में