परिणाम "safeenat ul auliya shahzada dara shikoh ebooks"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
मज्म'उल बह्रैनबिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम
रिसाला-ए-हक़-नुमामुसन्निफ़
नोट - 22 नवंबर 1653 को जब कंधार में असफल होने के बाद हारा हुआ शहजादा दारा शुकोह लाहौर पहुंचा। दारा शिकोह तीन सप्ताह (दिसंबर 1653 के मध्य तक ) लाहौर में ही ठहरा। आगे चलकर होने वाली एक तवील सात दिनों की वार्ता मे जिन दो महान हस्तियों ने हिस्सा लिया वो हस्तियाँ थीं – शहज़ादा दारा शुकोह और बाबा लालदास बैरागी।पंजाब में बाबा लाल नाम के चार संत हुये हैं –
आंचे अंदर दिलम अयाँ गश्त:बर हमः ख़लक़ आँ निहाँ गश्ता
ऐ तू अंदर हर जमाले रूनुमावै तू अंदर हर लिबासे आश्ना
मुसलमानाँ मरा दिल शाद साज़ेदज़े-बंद-ए-क़ैद-ए-ख़ुद आज़ाद साज़ेद
मन तुरा जूयाँ व तू हमराह-ए-मनअक़ल गश्त: रहबर गुमराह-ए-मन
मुसाफ़िर हर क़दर बाशद सुबुक-बारन-याबद दर सफ़र-ए-तस्दीअ'-ओ-आज़ार
दर्द-ए-ऊ रा साख़्तम दरमान-ए-ख़्वेशअज़ मय-ओ-नग़्मः कुनम सामान-ए-ख़्वेश
मी-कुनी तू ता'न बर किरदार-ए-माबा-ख़ुदा बायद सपुर्दः कार-ए-मा
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books