आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अतीत"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "अतीत"
सूफ़ी लेख
सूरदास का वात्सल्य-निरूपण, डॉ. जितेन्द्रनाथ पाठक
सूर परम्परा के जीवंत तत्वों से सशक्त रूप में सम्बद्ध थे। न केवल भागवत की विषय
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
(2) पिंड परे जिव जिस घर जाता। सबद अतीत अनाहद राता।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
उदासी संत रैदास जी- श्रीयुत परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल-एल. बी.
अगम अगोचर अच्छर अतरक, निरगुन अंत अनंदा।। सदा अतीत ज्ञानघट वर्जित, निरविकार अविनासी।। इत्यादि।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
(110 साखी)अतीत के मानजन्य कलह को याद करके विरहिणी को कर्तव्यबोध होता है। पश्चाताप भी होता है-
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किवदंतियाँ - याज्ञिकत्रय
(4)एक सिद्ध मुख में गोली ले आकास (मार्ग से) जाते हुते। सो (सिद्ध) ख़ानख़ाना के बाग़
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किंवदंतियाँ- याज्ञिकत्रय
(4)एक सिद्ध मुख में गोली ले आकास (मार्ग से) जाते हुते। सो (सिद्ध) ख़ानख़ाना के बाग़
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
कबीर की उपरोक्त रचनाओं को ध्यान पूर्वक पढ़ने एवं मनन करने से विदित होता है कि
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
कबीर की उपरोक्त रचनाओं को ध्यान पूर्वक पढ़ने एवं मनन करने से विदित होता है कि
परशुराम चतुर्वेदी
सूफ़ी लेख
जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
जौनपुर विद्या का केंद्र नहीं बल्कि विद्वानों और कलाकारों का केंद्र था. ये या इनके पूर्वज